चलो फिर से आज वोह नजारा याद करले,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद करले,
जिसमे बहकर आज़ादी पहुची थी किनारे पे,
देशभक्तों के खून की वो धारा याद करले ॥
आज़ादी की कभी शाम नही होने देंगे,
शहीदों की क़ुरबानी बदनाम नही दोंगे,
बची हो जो एक बूँद भी गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नही होने देंगे ||
ना सर झुका है कभी और ना झुकायेंगे कभी,
जो अपने दम पे जियें सच में ज़िन्दगी है वही.
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं 2022